#कानपुर नगर
रामलीला के दौरान 95 फुट के रावण के पुतले की धूम, 141 साल पुरानी है हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल.....
*न्यूज इंडिया नेटवर्क कानपुर ब्यूरो | राजीव वर्मा*
कानपुर। शहर के ऐतिहासिक परेड रामलीला ग्राउंड में इस बार दशहरा उत्सव देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां रामलीला का मंचन चल रहा है, वहीं दूसरी ओर रावण दहन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस साल दर्शकों के लिए एक खास आकर्षण होगा 95 फुट ऊंचा रावण का पुतला, जो रिमोट कंट्रोल से संचालित होगा और अपनी आंखों से अंगारे तथा मुंह से रंग-बिरंगे फूल बरसाएगा।
*पुतलों की ऊंचाई में इजाफा*
इस साल कारीगरों ने पुतलों की ऊंचाई बढ़ाकर उन्हें और भी भव्य बनाया है। रावण का पुतला 95 फुट ऊंचा बनाया जा रहा है, जबकि कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 85-85 फुट के होंगे। सभी पुतले आंखों से अंगारे निकालेंगे, जिससे दर्शकों के अनुभव को और भी रोमांचक बनाया जाएगा।
*141 साल से जारी है मुस्लिम कारीगरों की परंपरा*
इन पुतलों को बनाने वाले कारीगरों की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। परेड ग्राउंड में रावण के पुतले बनाने की परंपरा एक मुस्लिम परिवार द्वारा 141 साल पहले, 1877 में शुरू की गई थी। आज भी सलीम खां की पांचवीं पीढ़ी के कारीगर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। इस साल भी राजस्थान से 22 कारीगरों की एक टीम इन पुतलों को तैयार करने के लिए कानपुर आई है।
*रिमोट कंट्रोल से संचालित होंगे पुतले*
इस बार के पुतले तकनीकी रूप से और अधिक उन्नत हैं। रावण के पुतले को रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जाएगा। दहन के समय न सिर्फ उसकी आंखें जलती हुई दिखेंगी, बल्कि उसकी नाभि से अमृत (प्रतीकात्मक) भी निकलेगा। पुतलों को बनाने में बांस, सुतली, रद्दी कागज और मैदा जैसी चीजों का इस्तेमाल होता है।
*हिंदू-मुस्लिम एकता की जीती-जागती मिसाल*
यह परंपरा सदियों से हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करती आ रही है। एक मुस्लिम परिवार द्वारा हिंदू त्योहार के लिए पुतले बनाना और पूरे उत्साह के साथ इसे निभाना, भारतीय सांस्कृतिक सौहार्द की एक अनूठी तस्वीर प्रस्तुत करता है।
*पुतलों की लागत*
इतने बड़े और तकनीकी पुतलों को बनाने में काफी लागत आती है। 80 से 90 फुट ऊंचे पुतलों पर लगभग 70 हजार से 1 लाख रुपये तक का खर्च आता है।
कानपुर की यह रामलीला और रावण दहन का आयोजन न सिर्फ धार्मिक आस्था, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव और शिल्प कौशल का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे पूरे शहर में उत्साह के साथ देखा जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ