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समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत कानपुर में संवाद....


 #कानपुर नगर


*युवा और किसान निभाएँगे अहम भूमिका : अवनीश अवस्थी*


*समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत कानपुर में संवाद*



*न्यूज इंडिया नेटवर्क कानपुर ब्यूरो | राजीव वर्मा*



कानपुर नगर, 10 सितम्बर।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत @2047 संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान की शुरुआत की है। इसी क्रम में शासन द्वारा नामित पाँच सदस्यीय प्रबुद्धजन प्रतिनिधिमंडल आज कानपुर पहुँचा और दो अलग-अलग सत्रों में युवाओं, शिक्षाविदों, कृषकों व कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया।


प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के सलाहकार व सेवानिवृत्त आईएएस अवनीश कुमार अवस्थी, सेवानिवृत्त आईएफएस बाबूराम अहिरवार, पूर्व प्राचार्य डॉ. चुन्ना सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ. शंकर सिंह और पीडब्ल्यूडी के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता राकेश सिंह शामिल रहे। इनके साथ अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ दीक्षा जैन, सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक व सीएसए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह भी मौजूद रहे।


*पहला सत्र : युवाओं व शिक्षाविदों से संवाद*


एचबीटीयू के शताब्दी भवन में आयोजित पहले सत्र में विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों से चर्चा हुई।

अवनीश अवस्थी ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका सबसे बड़ी होगी। उन्होंने युवाओं से नीतियों के निर्माण व क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी की अपील की।


अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने युवाओं को नौकरी तक सीमित न रहकर स्टार्टअप, उद्यमिता और शोध में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

वाइस चांसलर प्रो. विनय कुमार पाठक ने स्वदेशी तकनीक के विकास पर बल दिया और छात्रों से ठोस सुझाव देने का आह्वान किया।

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की 1/6 आबादी रहती है, ऐसे में विकसित भारत का संकल्प यहाँ की युवाशक्ति पर निर्भर है। सीडीओ दीक्षा जैन ने कानपुर विकास पर प्रेजेंटेशन दिया।


छात्रों ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों में शोध व स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा मिले, शिक्षा व्यवस्था तकनीक आधारित बने, युवाओं की नीति–निर्माण प्रक्रिया में भागीदारी के लिए अलग मंच बने और कौशल विकास कार्यक्रम सुलभ हों।


*दूसरा सत्र : किसानों, एफपीओ और वैज्ञानिकों से संवाद*


चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दूसरे सत्र में किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से विस्तृत संवाद हुआ।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने 2017 से अब तक कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। खाद्यान्न उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 35.3%, गेहूँ में 42.8% और गन्ने में 54.5% तक पहुँची है। दुग्ध उत्पादन 7.43 करोड़ टन और मत्स्य पालन 8.3% आउटपुट शेयर तक पहुँचा है। उन्होंने किसानों से ड्रोन, एआई और आधुनिक तकनीक के उपयोग पर बल दिया।


अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों की राय भी नीति–निर्माण में उतनी ही महत्वपूर्ण है। सीएसए कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने कृषि में वैज्ञानिक निवेश की आवश्यकता बताई।


किसानों ने सुझाव दिया कि कृषि व पशुधन दोनों को समान महत्व दिया जाए, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिले, ऊसर भूमि सुधार हो, ब्लॉक स्तर पर मंडियां खुलें, जल संरक्षण के लिए ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा मिले और मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रणाली मजबूत हो।


*जनता से अपील*


प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अभियान के अंतर्गत कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, पर्यटन, महिला विकास, रोजगार, कानून–व्यवस्था, ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा सहित 12 क्षेत्रों में जनता से सुझाव लिए जा रहे हैं।

लोग अपने सुझाव क्यूआर कोड स्कैन कर या सीधे पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर दर्ज करा सकते हैं।

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