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OBC क्रीमीलेयर पर सरकार का बड़ा प्रस्ताव, आरक्षण दायरे से बाहर हो सकते हैं ये लोग; 6 मंत्रालयों में मंथन....


 जय हिन्द l


OBC क्रीमीलेयर पर सरकार का बड़ा प्रस्ताव, आरक्षण दायरे से बाहर हो सकते हैं ये लोग; 6 मंत्रालयों में मंथन l.


सरकार ने OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) क्रीमीलेयर के दायरे को लेकर एक बड़ा प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें क्रीमीलेयर की आय सीमा और पात्रता मानदंडों को व्यापक स्तर पर लागू करने की योजना है। इस प्रस्ताव का मकसद है आरक्षण का लाभ उन गरीब या मध्यम वर्गीय OBC परिवारों तक पहुंचाना, जिनका आर्थिक स्तर कम है, और उच्च वेतन या पद वाले OBC परिवारों को क्रीमीलेयर मानकर आरक्षण के दायरे से बाहर करना।


इस प्रस्ताव के तहत निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु हैं:


क्रीमीलेयर की आय सीमा वर्तमान में 8 लाख रुपए प्रति वर्ष है, जो 2017 में तय हुई थी। यह सीमा बढ़ाने पर विचार चल रहा है ताकि अधिक OBC परिवार आरक्षण का लाभ ले सकें।


सरकार इस आय सीमा को विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों पर भी लागू करने का प्रस्ताव बना रही है।


उच्च पदों और वेतन वाले कर्मचारियों, जैसे केंद्रीय-राज्य सरकार की Group A/Class I सेवाओं, PSUs के बोर्ड सदस्य, विश्वविद्यालयों के शिक्षकों आदि को क्रीमीलेयर श्रेणी में रखा जाएगा, जिससे उनकी संतान आरक्षण लाभ से वंचित होगी।


छह केंद्र सरकार के मंत्रालयों सहित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC), नीति आयोग, श्रम और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय आदि ने इस प्रस्ताव पर मंथन किया है।


प्रस्ताव का उद्देश्य OBC समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण का फायदा पहुंचाना और लाभार्थियों की संख्या बढ़ाना है।


सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस कदम से OBC वर्ग के लिए रोजगार और शिक्षा में आरक्षण के दायरे का निर्धारण और सटीक होगा, जिससे आरक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सकेगा।


इस विषय पर 2025 की रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि आय सीमा में संशोधन के बिना समर्थ और संपन्न OBC परिवार भी आरक्षण का लाभ ले रहे हैं, जो मूल उद्देश्य के खिलाफ है। इसलिए आय सीमा बढ़ाने और विभिन्न पदों के लिए समतुल्यता स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।


सरकार का यह प्रस्ताव फिलहाल तैयार हो रहा है और संबंधित मंत्रालयों और आयोगों के सुझाव विकासशील हैं। इस कदम को OBC आरक्षण नीति को अधिक प्रभावी और लक्ष्यपूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।


#NIN

#DEVANSH YADAV, REPORTER.

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