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जन्माष्टमी के बाद कैसे मनाए भगवान श्री कृष्ण की छठी जाने पंडित आशुतोष दीक्षित से.....


 पंडित आशुतोष दीक्षित के अनुसार.....

                                                    भगवान कृष्णा की छठी बहुत श्रद्धा और सही विधि-विधान के साथ मनानी चाहिए। उनका कहना है कि यह पर्व न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। छठी पूजन सही ढंग से करने से घर में सुख-समृद्धि और संतान की रक्षा होती है।


पूजन की सही विधि

स्नान और शुद्धता:

सबसे पहले, पूजन करने वाले सभी सदस्य स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। घर, विशेषकर पूजा स्थल को शुद्ध करें।


लड्डू गोपाल का स्नान व श्रृंगार:

भगवान लड्डू गोपाल को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से स्नान कराएँ।

फिर उन्हें नए पीले वस्त्र पहनाएँ, फूलों की माला और ताज पहनाएँ। माथे पर हल्दी या केसर का तिलक लगाएँ।


षष्ठी देवी का आह्वान:

छठी पूजा में षष्ठी देवी का विशेष पूजन करें। दीवार पर हल्दी से बनी 6 बिंदी या किसी नई थाली पर षष्ठी माँ का चित्र बनाएं।


भूमि पूजन:

पूजा के स्थान पर थोड़ा सा आटा या चावल रख कर वहाँ दीपक जलाएँ। साफ जल से शंख में जल भरकर छिड़काव करें।


भोग अर्पण:

भगवान को कढ़ी-चावल, पूड़ी, हलवा, बेसन के लड्डू, माखन-मिश्री, फल, पंचमेवा आदि प्रिय वस्तुयें भोग लगाएं।


पूजा मंत्र और कथन:

पंडित जी के अनुसार,


"ॐ षष्ठी मातर्यै नमः"

इस बीज मंत्र का 11 बार जप करें।

श्रीकृष्ण के लिए गोपाल सहस्त्रनाम या प्रेरित बाललीला भजन गायें।


आरती एवं क्षमा याचना:

पूजा के बाद भगवान श्रीकृष्ण और षष्ठी देवी की आरती करें। दोनों से परिवार तथा बच्चों की रक्षा और शुभता के लिए प्रार्थना करें।


प्रसाद वितरण:

पूजा संपन्न होने के बाद भोग का प्रसाद सभी सदस्यों और पड़ोसियों को बांटें। कोशिश करें कि इस दिन घर का वातावरण भजन-कीर्तन और मंगल गीतों से भरा हो।


मान्यता और समझ

पंडित आशुतोष दीक्षित बताते हैं कि छठी का व्रत और कार्य ‘निर्मलता’ और ‘संकल्प’ के साथ होना चाहिए – तभी बालगोपाल का आशीर्वाद परिवार और संतान पर बना रहता है। सबसे आवश्यक है मन की श्रद्धा और संकल्प की शुद्धता।


कोई विशेष अनुष्ठान या कठिन नियम छठी पूजा में नहीं हैं, मुख्यतः पुण्य भावना, बालकृष्ण की सेवा और षष्ठी माँ का आह्वान श्रद्धा से करें।


इसी विधि से श्रीकृष्ण छठी का पर्व मनाएँ; आपके घर प्रेम, आनंद और कृपा सदैव बनी रहे।

 न्यूज़ इंडिया नेटवर्क 

न्यूज़ एजेंसी



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