Type Here to Get Search Results !

पटना एम्स विवाद: जब अस्पताल बना अखाड़ा और कैमरे बने गवाह! RJD विधायक पर डॉक्टर एवं गार्ड सहित अन्य से मारपीट का आरोप...

 

India News Network की रिपोर्ट

पटना एम्स विवाद: जब अस्पताल बना अखाड़ा और कैमरे बने गवाह


31 जुलाई की रात, पटना एम्स में कुछ ऐसा हुआ जिसने न सिर्फ डॉक्टरों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति और जनता का ध्यान इस ओर खींच लिया।


शिवहर से आरजेडी विधायक चेतन आनंद, अपनी पत्नी और सुरक्षाकर्मियों के साथ एम्स के ट्रॉमा वार्ड में आते हैं — और कुछ ही मिनट में हालात काबू से बाहर हो जाते हैं।

बोलचाल गरम होती है, गार्ड घायल होता है, और रेज़िडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बंदूक तक लहराई जाती है!


सुबह की पहली किरण के साथ… आंदोलन शुरू।

हजारों मरीजों की भीड़, लेकिन डॉक्टर्स ओपीडी से बाहर। हाथ में पोस्टर, चेहरे पर ग़ुस्सा और सोशल मीडिया पर #JusticeForDoctors ट्रेंड करने लगता है।

AIIMS पटना के गलियारे अब दवाइयों की बात नहीं, सम्मान की लड़ाई का मैदान बन चुके हैं।


वहीं MLA चेतन आनंद भी चुप नहीं बैठे। उन्होंने भी कहा—"हम भी पीड़ित हैं। मेरी पत्नी के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ। CCTV फुटेज जारी करो, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।"


और अब... सारी निगाहें टिकी हैं कैमरे के उन पलों पर, जो तय करेंगे कौन सही था और कौन ग़लत।


सूत्रों के मुताबिक, पुलिस और एम्स प्रशासन फुटेज खंगाल रहे हैं। रेज़िडेंट डॉक्टर्स ने कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।


पटना में अब सवाल सिर्फ इलाज का नहीं, इज्जत का है।

यह सिर्फ एक अस्पताल नहीं, अब ये बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था और राजनीतिक गरिमा का आईना बन गया है।


India News Network के लिए, शोभित अवस्थी की ग्राउंड रिपोर्ट — जहां हर कैमरा अब सिर्फ इलाज नहीं, इंसाफ रिकॉर्ड कर रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement
न्यूज़ इंडिया नेटवर्क के साथ जुड़े...