न्यूज़ इंडिया नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में स्कूलों के विलय (मर्जर) मामलों को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। सरकार ने जोर देकर कहा है कि—
कोई भी सरकारी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा।
कोई भी पद समाप्त (जैसे शिक्षक, हेडमास्टर) नहीं किया जाएगा और न ही किसी शिक्षक की नौकरी जाएगी।
विलय सिर्फ उन स्कूलों का होगा जिनमें 50 से कम छात्र हैं और जो एक किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। यानी, एक किलोमीटर से अधिक दूरी वाले या 50 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों का विलय नहीं होगा।
अगर कहीं गलती से इस मानक के विपरीत कोई विलय हो गया है, तो उसे निरस्त किया जाएगा और ऐसे स्कूलों में पढ़ाई फिर से शुरू कराई जाएगी।
सरकार का यह भी कहना है कि जिन विद्यालय भवनों का विलय हो जाएगा, उनमें आंगनबाड़ी, बाल वाटिका जैसी पूर्व-प्राथमिक शिक्षा शुरू कराई जाएगी, जिससे भवनों का उपयोग बना रहेगा और छोटे बच्चों को लाभ मिलेगा।
शिक्षक-छात्र अनुपात (प्राइमरी में 30:1, अपर प्राइमरी में 35:1) को ध्यान में रखते हुए यदि जरूरत पड़ी तो नई भर्तियां भी की जाएंगी।
राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट बताया कि—
“कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। कोई भी पद समाप्त नहीं किया जाएगा। मर्जर का मकसद छात्रों और संसाधनों के हित में है। अभिभावकों की पहुंच और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।"
सरकार ने यह फैसला प्रदेश में चल रहे विरोध और अभिभावकों की चिंता (जैसे बच्चों को दूर स्कूल भेजने की मजबूरी) को ध्यान में रखकर किया है। इसलिए माता-पिता और शिक्षकों को यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि स्कूल बंद होंगे या शिक्षक हटाए जाएंगे। सभी विद्यालय आगे भी अपने-अपने यू-डायस कोड के साथ चलते रहेंगे और प्रदेश के 1,32,886 स्कूलों को बंद नहीं किया जाएगा.
न्यूज़ इंडिया नेटवर्क...
कल्चरल रिपोर्टर ।
देवांश यादव
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