वकीलों का विरोध तेज, कानपुर अधिवक्ता भी दिल्ली बार के समर्थन में
*कानपुर से न्यूज़ इंडिया नेटवर्क ब्यूरो राजीव वर्मा की रिपोर्ट*
दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा 13 अगस्त को जारी अधिसूचना के खिलाफ वकीलों से काले रिबन पहनकर विरोध दर्ज कराने का आह्वान किया है। अधिवक्ता 22 अगस्त से हड़ताल पर हैं, जिससे अदालतों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। वकीलों की मांग है कि पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस अधिकारियों की गवाही व साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति देने वाले आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।
डीएचसीबीए ने देशभर के सभी अधिवक्ता संगठनों से अपील की है कि वे इस फैसले का एकजुट होकर विरोध करें। दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हड़ताल जारी है और कामकाज ठप है।
इसी क्रम में कानपुर के पूर्व लायर्स एसोसिएशन अध्यक्ष पंडित रविन्द्र शर्मा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि कानपुर के अधिवक्ता दिल्ली के वकीलों के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यकता पड़ी तो पूरे देश में अधिवक्ता कामकाज बंद कर देंगे।
रविन्द्र शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को यह संशोधन अधिनियम वापस लेना ही होगा, अन्यथा इससे पुलिस को मनमानी करने और किसी भी व्यक्ति को उठाकर बंद करने की खुली छूट मिल जाएगी, जो लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने इसे "निष्पक्ष न्याय के विरोधी, कानून और अधिवक्ता विरोधी कदम" बताया।
उन्होंने जानकारी दी कि इस मामले को लेकर कानपुर लायर्स एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल के को-चेयरमैन डी.के. शर्मा के बीच वार्ता हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि देशभर के अधिवक्ता इस आंदोलन में सहयोग करेंगे।
बाइट - पंडित रविन्द्र शर्मा (पूर्व लायर्स अध्यक्ष कानपुर)

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