मरना मंजूर है, राजतंत्र की वापसी नहीं — रामगोविंद चौधरीलखनऊ / बलिया / बांसडीह।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और बागी बलिया के सपूत रामगोविंद चौधरी ने शनिवार को लोकनायक जेपी बाबू को श्रद्धांजलि देते हुए लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि
“संविधान और बराबरी के अधिकार अनगिनत कुर्बानियों से मिले हैं, इन्हें बचाने के लिए जान भी देनी पड़े तो मंजूर है।”अडानी-अंबानी के धनबल पर राजतंत्र की साजिश का आरोपरामगोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि “कुछ लोग धन और लाठी के बल पर देश में राजतंत्र की वापसी का सपना देख रहे हैं। यह सपना कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा।”
जन-जागरण का आह्वानउन्होंने कहा कि लोगों को डर, धन और प्रलोभन से फुसलाने की कोशिश होगी। “वे शिकारी हैं और हम गौरैया जैसे जीव… हमें अपनी इज्जत, खेत-बाग और आज़ादी बचानी है,” चौधरी ने कहा।22 नवम्बर को बांसडीह में विशाल सम्मेलनजेपी बाबू की स्मृति में और राजतंत्र विरोधी आंदोलन को मजबूती देने के लिए 22 नवम्बर को बांसडीह में विशाल सम्मेलन होगा। इसमें समाजवादी पार्टी से बाहर के लोकतंत्र समर्थक भी शामिल होंगे।
न्यूज़ इंडिया नेटवर्क की खास रिपोर्ट...

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