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*डीएम का आरटीओ कार्यालय पर औचक निरीक्षण, सात कर्मचारी अनुपस्थित, एक दिन का वेतन कटेगा*
*न्यूज इंडिया नेटवर्क कानपुर ब्यूरो | राजीव वर्मा*
सर्वोदय नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में मंगलवार सुबह अचानक जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पहुँचते ही अफरा-तफरी मच गई। डीएम के गेट पर कदम रखते ही कई कर्मचारी भागते नज़र आए और कुछ ही देर में कार्यालय का माहौल सुनसान हो गया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका की जाँच की, जिसमें सुबह 10:35 बजे तक सात कर्मचारी अनुपस्थित मिले। इनमें मधुबन मिश्रा, कमरूल इस्लाम, प्रीति तोमर, ऋषभ कुमार, शुभम सिंह, रतना यादव और चपरासी दिनेश कुशवाहा शामिल हैं। डीएम ने सभी का एक दिन का वेतन काटने और दोहराव पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने एक आवेदक अरविंद गौड़ से मोबाइल पर बात की। गौड़ ने बताया कि ई-रिक्शा की डुप्लीकेट आरसी दिलाने के लिए उसने एक प्राइवेट व्यक्ति को 2000 रुपये दिए, जबकि निर्धारित शुल्क 500 रुपये है। डीएम ने आवेदक से आरोपी का मोबाइल नंबर लिया और सीधे बातचीत की। पहले तो आरोपी ने इनकार किया, लेकिन जिलाधिकारी की सख्ती पर उसने पैसे लेने की बात कबूल कर ली। इस मामले में डीटीसी को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण में यह भी सामने आया कि सोमवार को करीब 300 लोग स्थायी लाइसेंस, नवीनीकरण और अन्य कार्यों के लिए आरटीओ कार्यालय पहुँचे थे। कई प्रकरण लंबित पाए जाने पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
डीएम ने एआरटीओ (प्रशासन) आलोक कुमार को कार्यालय परिसर की स्वच्छता व्यवस्था दुरुस्त करने और अपर नगर मजिस्ट्रेट-6 आलोक गुप्ता को आरटीओ कार्यालय की कार्यप्रणाली पर निगरानी रख विस्तृत रिपोर्ट देने का जिम्मा सौंपा।

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