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अधिवक्ता अखिलेश दुबे गिरफ्तार: भाजपा नेता से झूठे मुकदमे के जरिए वसूली का आरोप, ‘ऑपरेशन महाकाल’ में हुई बड़ी कार्रवाई*
कानपुर से राजीव वर्मा की रिपोर्ट...
कानपुर में वकीलों और कथित पत्रकारों के खिलाफ चल रहे ‘ऑपरेशन महाकाल’ के दूसरे ही दिन पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी भाजपा नेता रवि सतीजा की शिकायत पर हुई, जिन्होंने दुबे पर झूठे मुकदमों में फंसाकर वसूली करने का आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार, अधिवक्ता अखिलेश दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा नेता के खिलाफ गंभीर धाराओं में झूठे मुकदमे दर्ज कराए, जिनमें पॉक्सो एक्ट जैसी धाराएं भी शामिल थीं। शिकायत में कहा गया है कि बिहार निवासी एक महिला को सामने लाकर, उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के प्रयास जैसे आरोप गढ़े गए।
जांच में सामने आया है कि यह मुकदमा पूरी तरह से फर्जी था और इसका इस्तेमाल रवि सतीजा को दबाव में लेने तथा उनसे 50 लाख रुपये वसूलने के लिए किया गया। इस मामले में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के साथ कास्मोजिन ग्रुप के पार्टनर लवी मिश्रा को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इनके अन्य दो सहयोगियों को भी पूछताछ के लिए उठाया है।
डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने प्रेस वार्ता में बताया कि, “जांच में यह साफ हो गया है कि मुकदमे में लगाए गए आरोप मनगढ़ंत थे और इनका मकसद वसूली करना था। मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।"
*भूमाफियाओं और वसूली गैंग पर चल रहा अभियान*
पिछले लगभग डेढ़ साल से कानपुर पुलिस ऐसे वकीलों और तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ अभियान चला रही है जो खुद को रसूखदार बताकर जमीनों पर कब्जा करने और लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने के जरिए वसूली करते हैं।
मंगलवार को पुलिस कमिश्नर ने ‘ऑपरेशन महाकाल’ की औपचारिक शुरुआत की थी, जिसके तहत आम लोगों से ऐसे तत्वों की पहचान करने में मदद मांगी गई थी जो समाज में भय का वातावरण बनाकर गरीबों और कमजोरों की संपत्तियों को कब्जा लेते हैं या उनसे धन ऐंठते हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अधिवक्ता अखिलेश दुबे के खिलाफ जबरन जमीन कब्जाने, धमकी देने और अन्य गंभीर आरोपों की भी गुप्त जांच चल रही है। इन मामलों में जांच रिपोर्ट मिलने के बाद और भी बड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
सारांश:
‘ऑपरेशन महाकाल’ की शुरुआत होते ही कानपुर पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उनके साथियों के खिलाफ कार्रवाई यह संकेत देती है कि पुलिस अब संगठित अपराध के ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के मूड में है, जो कानून का भय दिखाकर आम लोगों को प्रताड़ित करते रहे हैं। आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आने की संभावना है।
बाइट - रवि सतीजा (शिकायतकर्ता भाजपा नेता)
बाइट - दीपेंद्र नाथ चौधरी (पुलिस उपयुक्त कानपुर दक्षिण)
रिपोर्ट :- राजीव वर्मा
न्यूज़ इंडिया नेटवर्क
न्यूज़ एजेंसी
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