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मुंबई से एमबीए, फिर बन गया साइबर ठगी का किंगपिन – पुलकित ने काल सेंटर से उड़ाए करोड़ों.....


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*मुंबई से एमबीए, फिर बन गया साइबर ठगी का किंगपिन – पुलकित ने काल सेंटर से उड़ाए करोड़ों*



*कानपुर से राजीव वर्मा की रिपोर्ट*



मुंबई से एमबीए करने वाला पुलकित द्विवेदी अब जेल की सलाखों के पीछे है। कारण—उसने डिग्री के दम पर कॉर्पोरेट में करियर नहीं बनाया, बल्कि कॉल सेंटर के जरिए करोड़ों की साइबर ठगी का साम्राज्य खड़ा किया। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए पुलकित को दबोच लिया।


गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जो बरामदगी की, वह किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं—₹4 करोड़ 25 लाख नकद, 57 मोबाइल फोन, 78 डेस्कटॉप, 11 लैपटॉप, 4 फर्जी मोहरें, 6 क्यूआर स्कैनर और एक पैन कार्ड।


2020 में रखी ठगी की नींव

डीसीपी क्राइम एस.एम. कासिम आबिदी के मुताबिक, नवाबगंज सिग्नेचर ग्रीन का रहने वाला पुलकित साल 2020 में दो कंपनियां—वेबिक्सी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेड प्लाजा—के नाम से रजिस्टर्ड कराता है। कागजों पर ये कंपनियां बिजनेस प्रमोशन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में निवेश लाने का काम करती थीं, लेकिन असलियत में यह महाठगी का अड्डा थीं।


पत्नी और दोस्त बने पार्टनर इन क्राइम

इस गोरखधंधे में पुलकित की पत्नी वर्तिका कटियार और उसका दोस्त सत्यकाम साहू भी बराबरी के हिस्सेदार थे। तीनों का तरीका तय था—देश-विदेश के कारोबारियों को झांसा देना कि उनका माल इंटरनेशनल मार्केट में बेचा जाएगा और मोटा मुनाफा दिलाया जाएगा। भरोसा जमते ही मोटी रकम ऐंठ ली जाती थी।


150 बेरोजगार, एक बांड और फर्जी मुकदमे का डर

पुलकित ने अपने कॉल सेंटर में 150 बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दी। सबके साथ पहला कदम—एक बांड साइन कराना। जो बीच में नौकरी छोड़ना चाहे, उस पर फर्जी मुकदमे का डर। फिर यही स्टाफ विदेशी वर्चुअल नंबरों से कॉल कर, अपने शिकार तलाशता था।


विदेशियों को भी नहीं छोड़ा

गैंग के निशाने पर सिर्फ भारतीय नहीं, बल्कि विदेशी ग्राहक भी थे। अंग्रेज़ी में चकाचक स्क्रिप्ट, झूठे दावे और ‘इंटरनेशनल बिजनेस कंसल्टेंट’ की पहचान—सब मिलाकर ठगी का जाल इतना मजबूत था कि बड़े-बड़े व्यापारी फंस जाते थे।


जाल में फंसने वालों की लिस्ट लंबी

पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में सामने आया है कि देश-विदेश में सैकड़ों लोग इस गिरोह के शिकार बने। ठगी का पैमाना इतना बड़ा था कि रोजाना लाखों रुपये कॉल सेंटर के अकाउंट में आते थे।


पुलिस ने पुलकित और उसके दोनों साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। डीसीपी क्राइम का कहना है—“इस नेटवर्क के तार कहां-कहां तक फैले हैं, इसका पता लगाने के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं।”



बाइट - एस एम कासिम आबिदी

(डीसीपी साइबर अपराध कानपुर नगर)

 न्यूज़ इंडिया नेटवर्क से राजीव वर्मा की रिपोर्ट.....

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